आज के समय में Asha Worker आसान है लेकिन सामान्य तौर पर ऐसा देखा जाता है कि महिलाओं के प्रति विशेष रूप से स्वास्थ्य प्रद जिम्मेदारियों को नहीं निभाया जाता है इसके मद्देनजर कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

कभी-कभी किसी महिलाओं को आर्थिक मदद की आवश्यकता होती है, जो पूरी नहीं हो पाती है। इसके अलावा महिलाओं की विशेष शारीरिक समस्याएं भी बनी होती है।

ऐसी स्थिति में Asha Worker महिलाएं आगे आकर उन सभी महिलाओं की मदद करती हैं जो खुद सक्षम नहीं हो पाती हैं। ऐसे में आज हम आपको Asha Worker के बारे में विशेष रूप से जानकारी देने वाले हैं जो कहीं ना कहीं आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं।

आशा वर्कर ( ASHA Worker) कौन होते हैं?

यह एक बहुत ही जिम्मेदारी भरा कार्य होता है जिसके अंतर्गत देश के सभी राज्यों में इस पद के लिए विशेष रूप से भर्ती प्रक्रिया जारी की जाती है। आशा कार्यकर्ता वह होते हैं,

जो अपने स्वास्थ्य सेवाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध कराते हैं साथ ही साथ ग्रामीण इलाकों में हो रही महिलाओं की समस्या को दूर करने का प्रयास करते हैं जिसके माध्यम से अन्य लोगों में भी जागरूकता का विकास हो पाता है।

ASHA का फुल फॉर्म

आपने हमेशा Asha Worker के बारे में सुना होगा। ऐसे में उन का फुल फॉर्म “Accredited Social Health Activist” होता है जिसे हिंदी में “मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता” कहा जाता है।

और इसे Asha Worker भी कहा जाता है।Asha Worker का काम दूसरों की सेवा करना होता है और इसके बदले में उसको पैसे भी मिलते है।

आशा वर्कर ( ASHA Worker) कौन होते हैं? बनने हेतु विशेष योग्यता क्या है ?

अगर आप एक कुशल आशा कार्यकर्ता बनना चाहते हैं इसके लिए आपके पास कुछ विशेष योग्यताओं का होना आवश्यक है।

  1. आशा कार्यकर्ता के पद पर कार्य करने के लिए महिलाओं की आयु 20 वर्ष से लेकर 45 वर्ष निर्धारित की गई है।
  2. अगर आप ग्रामीण क्षेत्रों में रहकर आशा कार्यकर्ता बनना चाहते हैं तो इसके लिए शैक्षणिक योग्यता आठवीं पास और अगर आप शहरों में रहकर यह कार्य करना चाहते हैं तो योग्यता 10वीं पास निर्धारित की गई है।
  3. इस कार्य को करने हेतु आवेदक को पूर्ण रूप से स्वस्थ होना आवश्यक है ताकि कार्य को सही तरीके से संपादित किया जा सके।
  4. आशा कार्यकर्ता के लिए विशेष योग्यता यह भी होती है कि आप जिस ग्राम सभा से आवेदन करने जा रहे हैं, ऐसे में उसी गांव की निवासी या बहू बेटी होना आवश्यक है।

आशा वर्कर ( ASHA Worker) कैसे बने?

आशा कार्यकर्ता बनना ऐसी जिम्मेदारियों को लेना है जिसके मद्देनजर कई सारे लोग आप पर निर्भर होते हैं। ऐसी स्थिति में एक बेहतर आशा कार्यकर्ता बनने के लिए जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की ग्रामीण क्षेत्रों में आशा बहू की नियुक्ति की जाती है

जिसके अंतर्गत रहते हुए लोगों की सेवा की जाए और उन्हें किसी भी प्रकार का नुकसान ना होने पाए। और वहाँ के लोग इस सेवा का लाभ ले सकें।

आशा वर्कर ( ASHA Worker) बनने के लिए विशेष चयन प्रक्रिया

अगर आप भी आशा कार्यकर्ता बनना चाहते हैं, तो ऐसे में आप को विशेष रूप से चयन प्रक्रिया से गुजरना होता है जहां पर आप का चुनाव हमेशा आपकी पात्रता को ध्यान में रखते हुए किया जाता है। इस चुनाव के लिए ग्रामीण और शहरी इलाकों में खुली बैठक का आयोजन किया जाता है।

ASHA Worker

जिसमें विभिन्न प्रकार से चुनाव करने के लिए ब्लॉक स्तर पर इंटरव्यू लिया जाता है। इसके अतिरिक्त शहरी क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ता बनने के लिए विशेष रूप से उच्च शैक्षिक योग्यता और कार्य अनुभव के आधार पर योग्यता हासिल की जाती है।

जिसमें लिए जाने वाले इंटरव्यू में महिलाओं के हित के बारे में ध्यान रखते हुए सरकार द्वारा निर्धारित किए गए अंकों के आधार पर जो महिला सबसे ज्यादा अंक हासिल करती है उसका चयन होता है। मुख्य रूप से ऐसी महिलाओं को चयन की सूची में शामिल किया जाता है जो अपने पति से अलग रह रही हो, विवाहित या तलाकशुदा हो।

आशा वर्कर ( Asha Worker) को दिए जाने वाला वेतन कितना होता है ?

आशा वर्कर ( Asha Worker) की सैलरी कितनी होती है ?

एक आशा कार्यकर्ता मुख्य रूप से महिलाओं संबंधी समस्याओं को दूर करने का प्रयास करते हैं जिसके अंतर्गत टीकाकरण, डिलीवरी संबंधित समस्याएं, कुष्ठ रोगी समस्याओं को दूर करना उनकी मुख्य प्राथमिकता होती है जिसके अंतर्गत उनका वेतन भी उनके कार्य के आधार पर निर्धारित किया जाता है।

  1. डिलीवरी से पहले और बाद में स्वास्थ्य सेवाएं देने पर — 600 रूपये
  2. कार्यकर्ता बैठक में शामिल होने पर — 100 रूपये प्रति बैठक
  3. टीकाकरण सत्र पूरा करने पर— 150 रुपए
  4. टीबी रोगी को दवा दिलाने पर —  ₹1000
  5. नया कुष्ठ का रोगी ढूंढने पर —  ₹200
  6. किसी भी कुष्ठ रोगी को दवा दिलाने पर — ₹500
  7. सभी तरह के टीके लगवाने पर — ₹50
  8. ग्राम में स्वास्थ्य सूचना रजिस्टर बनाने पर–   ₹750
  9. जन्म मृत्यु दर पंजीकरण कराने पर —  ₹25

इसके अतिरिक्त आशा कार्यकर्ता का वेतन ₹8000 से लेकर ₹21000 प्रति माह निर्धारित किया गया है।

आशा वर्कर ( ASHA Worker) का मुख्य कार्य—

आशा कार्यकर्ता का कार्य बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य होता है जिसके माध्यम से कई सारे नागरिकों और महिलाओं को उचित सुविधा प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त आशा कार्यकर्ता का मुख्य कार्य किसी बीमार व्यक्ति या ऐसी महिला जो डिलीवरी के दर्द से परेशान हो उसे सुरक्षित रूप से स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचाना होता है।

इसके अतिरिक्त सामुदायिक स्तर पर स्वास्थ्य की देखभाल करना और जरूरतें दवाइयां उपलब्ध कराना भी आशा कार्यकर्ता के मुख्य कार्यों में माने जाते हैं।

आशा वर्कर ( ASHA Worker) कार्यकर्ता संबंधित आवश्यक नियम

पिछले कुछ समय से आशा कार्यकर्ताओं के लिए कुछ विशेष नियमों का संज्ञान दिया गया है इसके अंतर्गत अब आशा कार्यकर्ता आगे बढ़कर कुछ नए नियमों को लागू कर सकती हैं।

  1. इन नए नियमों के अंतर्गत अब आशा कार्यकर्ताओं को एक-एक लाउडस्पीकर दिए जाने की बात की गई है ताकि उस के माध्यम से ज्यादा लोगों को जानकारी दी जा सके और फिर किसी नागरिक को परेशान होना ना पड़े।
  2. आशा कार्यकर्ताओं के लिए नियुक्ति और सेवानिवृत्ति को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया था लेकिन अब विशेष रुप से नियमों में संशोधन करने की बात की जा रही है।
  3. अन्य नियमों के अंतर्गत कार्यकर्ताओं को मेरिट के आधार पर चयन किए जाने की बात की जा रही है जिसमें नियुक्ति के बाद भी वीआरएस के लिए भी विशेष रूप से नियम बनाए जाएंगे। जिसके अंतर्गत अगर कोई भी आशा कार्यकर्ता 20 साल की नौकरी पूरी कर ले तो निश्चित रूप से ही वे वीआरएस ले सकती हैं।
  4. देश के कई इलाकों में आशा कार्यकर्ताओं को मोबाइल देने की भी सुविधा दी गई है।
  5. इसके अतिरिक्त देश के किसी भी राज्य में आशा कार्यकर्ता बनने के लिए कम से कम 10 वीं पास होना आवश्यक किया गया है।

आशा वर्कर ( ASHA Worker) को मिला लोगों का भरपूर प्यार

आशा कार्यकर्ताओं को उनके कार्य की बदौलत ही लोगों का प्यार मिलता रहा है क्योंकि यह देखा गया है आशा कार्यकर्ताओं ने अपने कार्यों को सही दिशा में आगे ले जाते हुए लोगों की मदद की है।

जब कोई भी रोगी को इलाज की आवश्यकता होती है, तो सबसे पहले यही लोग आगे आकर मदद करते हैं ऐसे में निश्चित रूप से ही आशा कार्यकर्ताओं को प्यार पाने का अधिकार है। किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर सबसे पहले आशा कार्यकर्ता की ही मदद ली जाती है जो कहीं ना कहीं सार्थक साबित होती है

और यही वजह है कि लोगों के बीच में आशा कार्यकर्ता की विशेष रूप से प्यार और सम्मान प्राप्त होता है जिससे उन्हें भी आगे अच्छा कार्य करने की प्रेरणा मिलती है।

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